
बिहार की राजनीति जब भी करवट लेती है, लालू प्रसाद यादव का नाम उसमें गूंजता है—कभी जोशीले अंदाज़ में, कभी सवालों के कटघरे में, लेकिन हमेशा असरदार। लालू सिर्फ नेता नहीं, एक परंपरा, एक शैली और एक संस्थान हैं। और उनका परिवार? मानो इस संस्थान की शाखाएं हों, जो सत्ता, संघर्ष और सियासत के पेड़ों पर लहराते हैं।
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गांव से गांधी मैदान तक: लालू यादव की यात्रा
फुलवरिया के छोटे से गांव से निकला वह युवक, जिसने राजनीति विज्ञान पढ़ा, जेल देखा, संसद जीती और मुख्यमंत्री बना। 1990 में जब उन्होंने बिहार की कमान संभाली, तो ‘सामाजिक न्याय’ उनके घोषणापत्र से ज़्यादा, उनकी राजनीति की आत्मा बन गई।
राबड़ी देवी: जब सत्ता ने घूंघट हटवाया
1997 में जब लालू जेल गए, तो उन्होंने अपनी अनपढ़ पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। आलोचना की आंधियों में भी वह दो बार मुख्यमंत्री रहीं, और धीरे-धीरे खुद एक नेता के रूप में उभरीं।
“राजनीति में घूंघट नहीं चलता” — और राबड़ी देवी इसका प्रमाण बन गईं।
तेजस्वी यादव: विकास पुरुष या डिजिटल लालू?
कभी IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स के ड्रेसिंग रूम में नजर आने वाले तेजस्वी, अब बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री की कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार माने जाते हैं। सोशल मीडिया, भाषण कला और युवा जुड़ाव के सहारे उन्होंने खुद को लालू की छवि से अलग ‘प्रगतिशील चेहरे’ के रूप में गढ़ा है।
तेजप्रताप यादव: सियासत या सनक?
कृष्ण बनकर रथ पर चढ़ने वाले, या सोशल मीडिया पर भगवान और गुरु बनने वाले तेजप्रताप… लालू के बड़े बेटे हैं, लेकिन राजनीतिक विरासत में छोटा किरदार निभा रहे हैं। परिवार से निकाले जाने के बाद वे अब ‘राजनीतिक रॉबिनहुड’ की तरह खुद को पेश कर रहे हैं।
मीसा और बेटियों की दुनिया: सादगी में सत्ता
मीसा भारती, डॉक्टर से सांसद बनीं और लालू की सबसे करीबी बेटी मानी जाती हैं। वहीं रोहिणी आचार्य, जिन्होंने अपने पिता को किडनी डोनेट की, सोशल मीडिया पर अपनी तेज़ तर्रार रायों से जानी जाती हैं। बाकी बेटियां राजनीतिक चकाचौंध से दूर हैं, लेकिन परिवार की मजबूती में अहम कड़ी हैं।
राजा और उसका परिवार: सत्ता का पारिवारिक मॉडल
लालू यादव खुद कहते हैं, “राजनीति हमारे खून में है।” और यही वंशवाद अब राजद की संरचना बन चुका है। तेजस्वी नेता हैं, राबड़ी मार्गदर्शक, मीसा रणनीतिकार, और तेजप्रताप एक रोमांटिक विद्रोही।
लेकिन यही वंशवाद, विपक्ष के लिए ‘ट्रैजेडी-कॉमेडी’ का सोर्स भी है।
राजनीति या परिवारवाद?
भाजपा और जदयू लगातार आरोप लगाते हैं कि राजद एक राजनीतिक दल नहीं, एक पारिवारिक ट्रस्ट है। “लालू एंड संस” की राजनीति अब बिहार की जनता के लिए नई सोच या पुराने फार्मूले की बहस बन चुकी है।
लालू यादव – विरासत, विवाद और विज़न का संगम
लालू यादव का परिवार महज़ एक नाम नहीं, भारतीय राजनीति का जमीनी चेहरा है। जहां सत्ता, संघर्ष और सादगी का अद्भुत संगम है। तेजस्वी इस विरासत को नई भाषा देना चाहते हैं, तेजप्रताप इसे पुराने रंग में रंगना चाहते हैं।
एक बात तय है—जब भी बिहार में सियासत की लहर उठेगी, लालू परिवार उसमें या तो नाव या तूफ़ान मचाएगा।
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